इंटरनेट पर पहाड़ी बोली में उकेरी कविताएँ, शायरियाँ तो उपलब्ध हैं किन्तु संयोगवश कुल्लवी बोली में नहीं हैं इसलिए ये कलेक्शन आपकी सर्च को सफलता दिलाएगी।
Poems and Shayari written in Pahadi dialect are available on the internet but luckily they are not in Kullvi dialect, hence this collection will make your search successful.
Best Himachal Shayari Status
Kullvi Version
खोरी-खोरी तोपी
एकी-होरी तोपी
एकै सा एक
तू धोरी तोपी।
-राज सरगम
Hindi Version
कोना-कोना ढूंढ़ा
एक-दूसरे में ढूंढ़ा
एक सिर्फ एक
तुझे उम्दा पाया।
Kullu Manali Shayari | भारा
Kullvi Version
हिऊऐं भौरूई दी धारा
लागला तौभै ईनां रा भारा
छौडिया ज़ाणा देआ सा बमारी
रौई बकांदी दिला नं च़ारा।
-राज सरगम
Hindi Version
बर्फ से ढकी चोटियां
लग जाए तुझे इनकी कसम
छोड़कर जाना देता है बीमारी
रहना जलाते दिल में दीया।
च़ैतर च़ोर
Kullvi Version
तेरै सो, तौ नं फेटै होर नैईं
सेभ नेऊ, तौ नं च़ैतर च़ोर नैईं
चुमक सा की गूंद सा तौ नं
मेरा आपु धीरियै लागै ज़ोर नैईं।
-राज सरगम
Hindi Version
तेरी कसम, तुझसे परे और नहीं
सब ले गई, तुझसे चालाक चोर नहीं
चुम्बक है कि गोंद है तुझमें
मेरा मुझपर लागे ज़ोर नहीं।
Shayari on Manali || औऊखी
Kullvi Version
पुंढणी बैड़ी औऊखी
पठाऊणी साई तू
खुल माड़ी ज़ैं
रांबड़ी कौ भाई तू।
-राज सरगम
Hindi Version
बूझना बेहद मुश्किल
पहेली की तरह तू
खुल जा थोड़ी सी
ठीक से कहां देखा तुझे।
मुंह फेरिया
Kullvi Version
गौअ भौरूआ तौ हेरिया
शेटणी आगली पिछ़ली पेरिया
शणियाणी कौखै मुं होरतै
मौती बेशदा मुंह फेरिया।
-राज सरगम
Hindi Version
गला भर गया तुझे देखकर
उड़ेल दूंगा अगली-पिछली
सुनाऊं कहां मैं कहीं और
मत बैठना मुंह फेरकर।
पहाड़ों वाली शायरी Love Text || बुरा बुझ़णा?
Kullvi Version
हाऊं उथड़ा बोलनूं तौ बुरा बुझ़णा?
पागलै बांढी खाक सूज़णा एै सुज़णा
सोच़ी तेरै याणै ऐ, केरनीं भाअ-शूण
हाणी औछी बै पोपण कादी खुबणा!
-राज सरगम
Hindi Version
मैं ऊंचा बोलूं तुम बुरा मानोगे?
पागल, बांझ मुंह बच्चा देगा ही देगा
सोच अपनी औलादें कर लेना देखभाल
भला आंख को पलकें कब चुभें!
झ़ूरी
Kullvi Version
बागर-बयाना फिरदा रौअला
आसा कतैई नी तौल्हणा
काठ कुणी घौर ज़ैंढै आसै
झ़ूरी एै कौम नीं औलढ़ा।
-राज सरगम
Hindi Version
हवाएं चलती रहें
हम कतई ना हिलेंगे
काठ-कुनी घर जैसे हम
प्यार ये काम नहीं ढीला।
Pahadi Shayari for Instagram | ऊझी री झेचिएै
Kullvi Version
ऊझी री झेचिएै, मेरै बगीच़ड़ू री शघेचिएै
ठैगीदी हेरी लैफड़ च़ूथै री रीति एै
मजीजड़िना तौ घैटी बागै रै डाअ पौचड़ू
रौएै लोड़ी आसै हीर रांझै साई बीती एै।
-राज सरगम
Hindi Version
ओ ऊपरी मनाली वाली, मेरे बाग की बुलबुल
ऐरा-गैरा की बातों में मत आना
सिकुड़ जाएंगे तुझ बिन बाग के डाल पात
हमें मरने के बाद भी हीर रांझे की तरह जीवित रहना है।
नोट: ‘झेची‘ Upper Manali की लड़की या औरत को कहा जाता है।
पहाड़ों वाली शायरी Love Attitude | तू देई सा
Kullvi Version
तौ घैटी किआं मुं काटणी
रातड़ी लौमी पोषा माघै री
आशरा तेरै लोभी रा टापरै नं
तू देई सा ज़ैंढी राज़ै री।
-राज सरगम
Hindi Version
तुम बिन कैसे कटेगी
लम्बी रातें पोष-माघ की
बसेरा तेरे साजन का झोंपड़ी में
जबकि तू राजकुमारी है राजे की।
खूबसूरत वादियां शायरी | आमां-बापू छ़ौडिया
Kullvi Version
आमां-बापू छ़ौडिया तौ सैंगै ज़ाणा
एै दैस तौ नभाणा की नैईं नभाणा
घौरकिएै मेरै चुटणा लाई-खाई नं
हौणा मेरी तैइयैं आगा-पीछ़ा काणा।
-राज सरगम
Hindi Version
माता-पिता छोड़ तुझ संग जाऊंगी
ये बता, तुझे निभानी है कि नहीं
मेरे घरवाले मुझसे सारे नाते तोड़ेंगे
होंगी मेरे लिए सारी दिशाएं अंधेरी।
Manali Shayari | झ़ूरी हौआ सा माड़की
Kullvi Version
सा सौ बाउई, चौबी घैंटै सोच़ तेसै री
ज़ीणा मौरना तेआ सैंगै, सा पड़ेशै री
बणाई गैला नातिएै, ढाएै पौऊ च़ैलणा
झ़ूरी हौआ सा माड़की एकी ठेसै री।
-राज सरगम
Hindi Version
है वो बावली, चौबीसों घंटे उसी की सोच
जीना मरना उसी के साथ, है पड़ोस की
बातें बनाईं रिश्तेदारों ने, बचकर चलना होगा
प्यार कमज़ोर होता है सिर्फ धक्के भर का।
गाणियै
Kullvi Version
इठी औग ज़ीतू पाणियै
एै की केरू तैं गाणियै
मौरदै लागै ती शेएै आसै
केरू सेब क़ीछ़ तैं ज़ाणियै।
-राज सरगम
Hindi Version
बुझ गई आग, पानी जीत गया
यार, ये क्या किया तूने
मर रहे थे हम ठंड के मारे
ये सब तूने जानबूझ किया है।
हेरी सोच़ी ऐज़ी
Kullvi Version
कोठी मैहल बिसरिया ऐज़ी
हाऊॅं गरीब, हेरी सोच़ी ऐज़ी
डाअनूं पेट भूखा, पर दिल नैईं
शोभला हौणा घौरा नं रौज़िया ऐज़ी।
-राज सरगम
Hindi Version
कोठी महल भूलकर आना
मैं गरीब, देख सोच आना
रखूॅं भूखे पेट, पर दिल नहीं
अच्छा होगा घर से रज कर आना।
नैखरै
Kullvi Version
रोज़ हेरा सा, रोज़ नैखरै केरा सा
मुंभै भाईआ नैज़र आपणी फेरा सा
आंधर तेसा रा पूछ़ा सा मेरै बारै नं
कीभै केरा सा तू एैंढा, सौ तेरा सा।
-राज सरगम
Hindi Version
रोज़ देखा करती है, रोज़ नखरे करती है
मुझे देखकर अपनी निगाहें फेर देती है
उसका भीतर मेरे बारे में पूछता है
क्यों करती हो ऐसा? वो तेरा है।
Manali Captions for Instagram in Hindi | बैइरी नैज़रा
Kullvi Version
मौत्त निकअदी नांगै ताऊएै
झ़ूरियै काधकी ता थिप्पू लाएै
लाणी इनां लोका बैइरी नैज़रा
तेरै मौथै मेरी कल्लीर सा एै।
-राज सरगम
Hindi Version
नंगा सिर लिए मत निकला कर
प्रिये, कभी तो स्कार्फ बॉंध ले
बुरी नज़र लग जाएगी दुश्मन की
क्योंकि तेरे माथे पर मेरी रेखा है।
पहाड़ों वाली शायरी Love 2 Line Instagram | च़ावै तेरे हाऊँ घेरू
Kullvi Version
सूरता नं तेरी हेरू मैं एक डेहरू
पूज़णै बै ऐई हेरी मैन मेरा केरू
डाई बणाईआ मुंभै देअऊ आपणां
पैता नैईं कीभै च़ावै तेरे हाऊँ घेरू!
-राज सरगम
Hindi Version
तेरी सूरत में मैंने एक मंदिर देखा
इसे देख मेरा पूजा का मन किया
अपना भक्त बनाकर रखना मुझे
पता नहीं क्यों तेरे चाव में मैं घिर गया।
इशारै
Kullvi Version
रैंग तेसा रा हेरी शाऊणा
मौरदा लागा एै दयाऊणा
इशारै ज़ाणली ता ठीक
प्यार हाज़ी तैईं टाऊणा।
-राज सरगम
Hindi Version
रंग उसका सांवला है
मरने लगा प्रेमी बेचारा
इशारे समझे तो क्या कहना
प्यार आज भी है बहरा।
रय्हानूं खोली छ़ाती
Kullvi Version
द्वार हुड़िया मौती बेशदी
ऐणा सा मुं औज़ राती
ज़ीबाण बुरा हेरी मैनदी
की सा तू, रय्हानूं खोली छ़ाती।
-राज सरगम
Hindi Version
दरवाज़ा बंद करके मत बैठना
आऊंगा मैं आज रात को
कृपया ग़लत मत सोचना
क्या है तू, दिखाऊंगा छाती खोलकर।
पहाड़ों वाली शायरी Love 2 Line | दैस कादी
Kullvi Version
दाअ मेरै होली, रोला तू
औछी हाऊॅं मिटनूं सोला तू
दैस कादी होली एैंढी गैल
नां मेरा, सामने होला तू।
-राज सरगम
Hindi Version
दर्द मुझे हो, रोए तू
ऑंख मैं मूॅंदूॅं सोए तू
बता, कब होगा संभव
नाम मेरा, सामने आए तू।
Pahadi Girl Shayari || दिलड़ू
Kullvi Version
ढौगै बुन झ़ौड़ै हाडी चूटणा
डौक्टरी कौम सीअणा सोथणा
दिलड़ू चूटा ता आत्मा चूटी
सोच़ी एैंढा हौणै नं पैइलै खोपणा।
-राज सरगम
Hindi Version
पहाड़ से गिर गए हड्डी टूटेगी
डॉक्टर का काम सीलना जोड़ना
दिल टूटे तो आत्मा टूटे
सोचना ऐसा होने से पहले बेवकूफ।
Himachali Shayari || अंग्रेज़ा मौंझ़ै हिन्दी
Kullvi Version
घुंडू पाऊ गौआ फेर
लाई मौथै नं बांकी बिन्दी
तू मेरी तैईयैं तेत्रा राम
ज़ेत्रा अंग्रेज़ा मौंझ़ै हिन्दी।
-राज सरगम
Hindi Version
डाल दिया दुपट्टा गले के चारों ओर
लगा दी माथे सुन्दर बिन्दी
तू मेरे लिए उतना सुकून
जितना अंग्रेज़ों के बीच हिन्दी।
(जितना अंग्रेज़ों के बीच जाकर एक भारतीय या हिन्दी भाषी मिल जाता है।)
फांच़रै || हिमाचली पहाड़ी शायरी
Kullvi Version
फांच़रै तेरै पौथा
ढौकणा लाऊ मौथा
कौ च़ैलै घौर एैंढै
छौड ईनां कमौत्ता!
-राज सरगम
Hindi Version
चोंचले तेरे अनेकों
लगा माथा पीटने
कहाँ चले घर ऐसे
त्याग दे ये नादानियाँ!