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Best Kullvi Proverbs in Hindi Collection, Learn Kullvi Language, Kullvi Sayings

Kullvi Proverbs in Hindi

1

“धिऊआ एकी री धयाईण सेभी री।”
अर्थ:-
बेटी एक की, बहन गांव भर की।

2

“बैड़ै भरोसै शागै रै कोशै।”
अर्थ:-
आवश्यकता से अधिक विश्वास हानिकारक होता है।

3

“लाटी देणी बुहार ढौकदै लोड़ी च़ार!”
अर्थ:-
काम एक का, और मजदूरी चार जन करें।

4

“गौंठी नीं धेला, च़ैकणा ठेला।”
अर्थ:-
जेब में एक धेला नहीं और बातें बड़ी-बड़ी।

5

“झ़ूरी खाईआ नैईं रौज़िदा।”
अर्थ:-
प्यार से पेट नहीं भरा जा सकता है।

6

“पौढ़ै लिखै लेबरै ओठै”
मौअ कमौऊ नाज़ै रै कोठै।
अर्थ:-
जो पढ़ाई के घमंड में रहा वो खाली हाथ और जिसने साथ में भूमि
को भी नहीं छोड़ा उसने अनाज़ उगाकर कईयों के पेट भर दिए।

7

“ज़ौखै माटा तौखै की घाटा।”
अर्थ:-
जिसके पास ज़मीन रूपी जायदाद है उसे किसी चीज़ की कमी नहीं हो सकती है।

8

“पराई मुंडी कौदू बराबर।”
अर्थ:-
पराई वस्तु जो निःशुल्क मिली हो का
दुरूपयोग करना या सम्मान ना करना।

9

“बौण बालणा लोकै री तैईयैं, घौर बालणा आपणी तैईयैं।”
अर्थ:-
बाहरी चीज़ें हमारे अधिकार से बाहर होती हैं
जबकि घर पे हम निगरानी पूरी तरह से कर सकते हैं।

10

“ज़ौखै ढोलकू तौखै मोलकू।”
अर्थ:-
बिन बुलाया मेहमान। या निकम्मा आदमी जो हर
समय खाली रहने के कारण कहीं भी धमक पड़ता है।

11

“बीझै नं बौगा काटणा।”
अर्थ:-
काम ना करने से पहले बहाने बनाना।

12

“ढौग डुंखर आपणा देश, लिपड़ी-क्शीपड़ी आपणी मां।”
अर्थ:-
अपना देश जैसा भी हो उससे सुंदर अन्य कोई जगह नहीं होती है
और ठीक वैसे ही मां भले सीधी-सादी क्यों ना हो उससे बढ़कर कोई नहीं।

13

“ज़ौखै रात, तौखै थाच।”
अर्थ:-
जहां आसरा मिले वहीं डेरा डालना।

14

“जाचा बै नेआ सी सेभै घौरा बै नैईं आणदा कोई।”
अर्थ:-
यानि अच्छे समय में हर कोई साथ चलता है किन्तु बुरे में कोई नहीं।

15

“घड़ोलू भौनिया की दां सोथणा।”
अर्थ:-
एक बार जब बड़ा नुक्सान हो जाए तो
उसकी भरपाई कर पाना नामुमकिन हो जाता है।

Pahadi Kahawat

16

“दुबई भेड़ नकांग च़ौरै, ठेसा ना लागै ता कीभै मौरै!”
अर्थ:-
यदि आप कमज़ोर हैं तो बुरे लोगों से दूरी बनाए रखें।

17

“एक बौकरी नवा सा, दैस खा सा।”
अर्थ:-
एक कमाए, दस खाएं।

18

“खाणै ती दाणैं, च़ुथै नैईं ती लाणैं।”
अर्थ:-
बिन मेहनत परिणाम की कामना करना।

19

“लाण लाणा आपु हेरिया, खाण खाणा होरी हेरिया।”
अर्थ:-
जितनी चादर है उतने पांव पसारो।

20

“ज़ौअदै घौरै री बुहारै सैई।”
अर्थ:-
कुछ ना होने से अच्छा कुछ सही।

21

“गरीबै रै भाग बौता बआग।”
अर्थ:-
गरीबी के रास्ते में अड़चनें पैदा होती रहती हैं।

22

“बीणी झ़ूरियै नीं हौंदी दाअ!”
अर्थ:-
जहां प्यार नहीं वहां दर्द नहीं।

23

“बाअणी ऊनै रै गोढ़ुएै च़ैकणी मोका।”
अर्थ:-
तंज कसना।

24

“झीकड़ै नीभै धोएै, बेटड़ी निभी सोएै।”
अर्थ:-
कपड़े धुलाई से और औरत बच्चे जनने के कारण खत्म हो गई
या कहें कि दोनों ने इन दो कारणों से अपनी आभा खो दी।

25

“एकी रोज़ा रा पाऊणा, दूजै रोज़ा डराउणा।”
अर्थ:-
किसी के घर पर बतौर अतिथि एक हद तक जाना चाहिए
अन्यथा आप अपना सम्मान खोने लगते हैं।

26

“सुखै री तैईयैं भैगै शूरू प्रीणी
तौखै बी मिली काऊणी च़िणी।”
अर्थ:-
जहां सुख सुविधाओं की आस थी
वहां मायूसी मिली।

Famous Kullvi Proverbs in Hindi

27

“कौमा रा नीं नां, घैड़ी नी पशां।”
अर्थ:-
मेहनत कुछ नहीं पर आराम भी नहीं।

28

“च़ोरा बै लागा पौअरी बै ज़ागा।”
अर्थ:-
कान भरना। या कहें डबल ढोलकी।

29

“छ़ेर ता छ़ेर, आगै पीछ़ै बी हेर।”
अर्थ:-
क़दम उठाने से पहले परिणाम के बारे में सोचो।

30

“ज़ैबै तैक लोऊ तैबै तैक बोऊ।”
अर्थ:-
जब तक आपके शरीर में लहू है या कहें कि जब तक आपके
पास ताक़त है तब तक हर कोई आपका अपना है।

31

“बाअरै श्री बज़ीर आंधरै नीं शौली री झ़ीर।”
अर्थ:-
ऊंची दुकान फीका पकवान। या घर में शेर बाहर ढेर।

32

“ऐढ़ै काअ मुम्भै खा।”
अर्थ:-
अंतकाले विपरीत बुद्धि।

33

“आपणी जौंघ आपणी कराढ़ी।”
अर्थ:-
अपना पॉंव पर खुद कुल्हाड़ी मारना।

Pahadi Love Shayari

Learn Kullvi Language

34

“झ़ुंगै हेरिया केरनै भुंगै।”
अर्थ:-
जितनी चादर उतने पांव पसारो।

35

“ज़ौसै रै टैकै, तीनैं रै सैकै।”
अर्थ:-
समाज आपके रुतबे के अनुसार चलता है यदि
आप धन धान्य हैं तो हर कोई आपका सगा है।

36

“चुटा नीं सोथू रूठा नीं मनाऊ
सौ माणू कीज़ी बै!”
अर्थ:-
जो समझौता ना कर सके वो मनुष्य ही क्या।

37

“तराशी, दच़ाणी
सिंधी छ़ाअ मूलै पाणी।”
अर्थ:-
ऐसे क्षेत्र जहां छाछ मुफ्त में और पानी कीमत पर मिलता है। 

तराशी, दच़ाणी नाम के दो गांव कुल्लू जिला में हैं
जहां पहले के दौर में पानी की कठोर समस्या रहती थी
और छाछ मुफ्त मिलने का अर्थ ये दर्शाता है कि उस समय
जब ये कहावत उकेरी गई हर घर में पशुपालन होता था(और आज भी होता है)
जिस कारण एक प्रकार से दूध की नदियां बहती थीं, कह सकते हैं।

38

“किच्छ़ घौठ ढीलै, किच्छ़ गैऊं गीलै।”
अर्थ:-
दोनों ओर थोड़ी कमी रहना या यों कहें कि
कुछ मेहनत में कुछ फल देने वाले में कमी रहना।

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